बछरावां थाना क्षेत्र, रायबरेली – वन विभाग की लापरवाही और मिलीभगत का एक बड़ा मामला सामने आया है। बछरावां थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत पसतौल, राजा मऊ के पास स्थित ठकुराइन खेड़ा गांव में वन विभाग की अनदेखी के चलते 17 हरे महुआ के पेड़ों को अवैध रूप से काट गिराया गया। स्थानीय ग्रामीणों ने जब इस घटना की सूचना दी, तब वन विभाग की नींद टूटी।
जब इस मामले में रेंजर से जानकारी ली गई, तो उन्होंने बताया कि “हम जांच करवा रहे हैं, लेकिन अभी तक की जानकारी में जलोनी में सिर्फ एक पेड़ काटा गया है।” हालांकि, मौके पर स्थानीय लोगों ने कई ट्रकों में भरी लकड़ियों को देखा, जिससे साफ संकेत मिलता है कि यह कोई छोटी घटना नहीं थी।
प्रशासन को दी गई जानकारी
इस अवैध कटाई के बारे में उच्च अधिकारियों को अवगत कराया गया। जिला अधिकारी महोदय, डीएफओ (डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर) और एसडीएम महाराजगंज को मामले की जानकारी दी गई है। बावजूद इसके, अब तक कोई ठोस कार्रवाई सामने नहीं आई है।
क्या होगी कड़ी कार्यवाही?
यह घटना वन संरक्षण कानूनों की धज्जियां उड़ाने का सीधा उदाहरण है। स्थानीय निवासियों ने इस पर गहरी चिंता व्यक्त की है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। अब यह देखना होगा कि जिला प्रशासन और वन विभाग इस मामले में क्या ठोस कदम उठाते हैं।
समाज तक मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका
इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी मीडिया के माध्यम से समाज तक पहुंचाई जा रही है, ताकि प्रशासन जागरूक हो और इस मामले में उचित कार्रवाई हो सके। क्या वन विभाग की मिलीभगत से हुई इस अवैध कटाई पर कोई कड़ी कार्यवाही होगी, या यह मामला भी अन्य घटनाओं की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा? यह सवाल जनता के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।
✍️विजय प्रताप सिंह
