रायबरेली, 14 अप्रैल 2025 – राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने एक बार फिर अपने वार्षिक पथ संचलन और एकत्रीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें लगभग 2000 स्वयंसेवकों ने भाग लिया। यह कार्यक्रम राजकीय इंटर कालेज मैदान से अपरान्ह 3:30 बजे शुरू हुआ और विभिन्न मार्गों से होते हुए पुनः वहीं समाप्त हुआ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए श्री सूर्यप्रकाश जी, सेवा निवृत जिला श्रम प्रवर्तन अधिकारी ने कहा, “राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समाज में अपने सेवा कार्यों और राष्ट्रीयता के लिए जाना जाता है। यह संगठन समाज के विकास में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।”
मुख्य वक्ता, श्री राहुल जी, विभाग प्रचारक रायबरेली ने संघ की यात्रा के 100 वर्ष पूर्ण करने पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “आरएसएस की यात्रा चुनौतियों से भरी रही है, लेकिन संघ ने अपने मूल्यों और लक्ष्यों को कभी नहीं छोड़ा। अब हम अपने ‘पंच-परिवर्तन’ के लक्ष्यों के साथ समाज को नई दिशा देने के लिए संकल्पित हैं।”
सभा में ‘पंच-परिवर्तन’ के लक्ष्यों पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि ये परिवर्तन भारतीय समाज को अगले कुछ वर्षों में नई दिशा देंगे:
सामाजिक समरसता: समाज के विभिन्न वर्गों के बीच सौहार्द और प्रेम को बढ़ावा देना।
कुटुम्ब प्रबोधन: परिवार को राष्ट्र के विकास में एक महत्वपूर्ण इकाई के रूप में मान्यता देना।
पर्यावरण संरक्षण: पृथ्वी को माँ मानकर, वातावरण की सुरक्षा के लिए जीवनशैली में बदलाव करना।
स्वदेशी और आत्मनिर्भरता: देश की आर्थिक स्थिरता और आत्मनिर्भरता को मजबूत करना।
नागरिक कर्तव्य: नागरिकों में सामाजिक जिम्मेदारियों का भाव और राष्ट्रहित में योगदान की भावना जगाना।
इस कार्यक्रम में शामिल अन्य महत्वपूर्ण व्यक्तियों में अमित जी विभाग शारीरिक प्रमुख, श्रीमान बृजेश जी जिलाप्रचारक, जेडी द्विवेदी जी जिला संघचालक, डीबी सिंह जी जिला सह संघचालक, अमित जी जिलाकार्यवाह, राहुल जी जिला संपर्क प्रमुख, धनंजय जी जिला प्रचार प्रमुख, कृपाशंकर जी, अजय जी, दिनेश जी, रविन्द्र जी, अनुज जी नगर प्रचारक एवं अन्य स्वयंसेवक शामिल थे।
इस अवसर पर, विभाग प्रचारक राहुल जी ने अम्बेडकर जयंती की बधाई देते हुए कहा कि “14 अप्रैल को हम भारतीय संविधान के निर्माता डॉ भीमराव रामजी अम्बेडकर की 135 वीं जयंती मनाते हैं। बाबासाहेब अम्बेडकर एक प्रमुख न्यायविद, अर्थशास्त्री और समाज सुधारक थे जिनका योगदान भारत की संप्रभुता और समता के लिए अविस्मरणीय है।”
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य राष्ट्र को उत्तम दिशा में अग्रसर करना और हिंदू समाज को जागरूक करना था। यह पथ संचलन न केवल संघ के स्वयंसेवकों की एकता और संकल्प को प्रदर्शित करता है, बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों को एकजुट करने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम है।
इस प्रकार, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने एक बार फिर से अपने सेवा कार्यों और सामाजिक उत्थान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का परिचय दिया है।
