रायबरेली। जनपद रायबरेली के विकासखंड सताँव के अंतर्गत आने वाली गोझरी ग्राम पंचायत में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) के तहत चल रहे कार्यों में बड़ा घोटाला सामने आया है। यहां मजदूरों की हाजिरी में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मनरेगा के कार्यों में मजदूरी करने वाले असली श्रमिकों की जगह अन्य व्यक्तियों की फोटो लगाकर उपस्थिति दर्ज की जा रही है। इतना ही नहीं, जिन लोगों के नाम से हाजिरी दर्ज हो रही है, वे वास्तविक रूप से कार्यस्थल पर मौजूद ही नहीं होते। इस प्रकार से सरकारी धन का बड़े पैमाने पर गबन किया जा रहा है।
शासन-प्रशासन की छवि को किया जा रहा धूमिल
मनरेगा योजना के तहत ग्रामीण श्रमिकों को रोजगार देने का दावा किया जाता है, लेकिन यहां अधिकारियों व ग्राम पंचायत के जिम्मेदारों की मिलीभगत से फर्जी भुगतान किया जा रहा है। इससे सरकार की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जा रही है।
ग्रामवासियों ने इस घोटाले की जांच की मांग की है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की अपील की है। इस मामले में जब संबंधित अधिकारियों से बात की गई, तो उन्होंने जल्द ही जांच करवाने का आश्वासन दिया।
सरकार से न्याय की गुहार
ग्रामीणों का कहना है कि यदि इस घोटाले की जल्द से जल्द निष्पक्ष जांच नहीं हुई तो वे उच्चाधिकारियों और शासन तक अपनी आवाज़ पहुंचाएंगे। अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले पर क्या कदम उठाता है और क्या दोषियों को सजा मिलती है या नहीं। ✍️विजय प्रताप सिंह
