ग्रामीणों की गुहार बेअसर, जिम्मेदार अधिकारी लापरवाह
रायबरेली। विकासखंड सताँव ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले गांव कोडर में पेयजल संकट दिनों-दिन गंभीर होता जा रहा है। सरकार भले ही ‘हर घर जल’ योजना और अन्य जल आपूर्ति अभियानों के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की व्यवस्था बेहतर बनाने के दावे कर रही हो, लेकिन जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल उलट दिखाई दे रही है।
गांव में स्थापित इंडिया मार्का हैंडपंप पिछले कई महीनों से खराब पड़ा है। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि इस हैंडपंप के मरम्मत के लिए कई बार संबंधित पंचायती राज अधिकारियों को शिकायत की गई, लेकिन अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है। नतीजतन ग्रामीणों को पानी की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है।
ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत स्तर पर जल आपूर्ति योजनाओं के नाम पर लाखों रुपए खर्च दिखाए जाते हैं, लेकिन हकीकत में न कोई सुधार कार्य होता है और न ही मरम्मत। फोटो में स्पष्ट देखा जा सकता है कि हैंडपंप की स्थिति बेहद दयनीय है, जो भ्रष्टाचार की पोल खोलता है।
“पंचायत सचिव और अन्य अधिकारी सिर्फ कागज़ों में विकास दिखा रहे हैं, जबकि हकीकत में ग्रामीण बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं,” एक स्थानीय निवासी ने समाज तक मीडिया को जानकारी देते हुए बताया।
ग्रामीणों ने उम्मीद जताई है कि समाज तक के माध्यम से उनकी आवाज़ जब प्रशासन तक पहुंचेगी, तब शायद कोई संज्ञान ले और जल संकट से उन्हें राहत मिले।
अब देखना यह होगा कि खबर प्रसारित होने के बाद जिम्मेदार अधिकारी इस मामले में कोई कार्रवाई करते हैं या नहीं, या फिर यह मामला भी जांच के नाम पर फाइलों में दबकर रह जाएगा ✍️विजय प्रताप सिंह
