रायबरेली (बछरावां)। थाना बछरावां क्षेत्र के अंतर्गत पट्टी गाँव, मजरा कलुई खेड़ा में शुक्रवार रात एक गरीब परिवार के छप्पर में आग लगा दी गई। पीड़िता सुमन पत्नी बलदेव ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यह आगजनी उनके जमीन विवाद के चलते हरिशंकर पुत्र गुरुचरण द्वारा की गई है।
सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि महिला ने 10 अप्रैल को ही थाने में लिखित शिकायत देकर संभावित खतरे की जानकारी दी थी, लेकिन पुलिस प्रशासन ने कोई संज्ञान नहीं लिया। नतीजा — 11 अप्रैल की रात करीब 12 बजे घर में आग लग गई, जिसमें घरेलू सामान, कपड़े, बर्तन, अनाज आदि जलकर राख हो गए।
पीड़िता के अनुसार, पहले से ही आरोपी द्वारा कई बार जान से मारने की धमकियाँ दी जा चुकी थीं। आग लगने के दौरान परिवार घर से बाहर था। जब आग की लपटें उठीं, तो ग्रामीणों ने शोर सुनकर दौड़ लगाई और मिलकर आग पर काबू पाया।
ग्रामीणों की तत्परता से टली बड़ी अनहोनी
घटना स्थल के ठीक बगल में 8 बीघा गेहूं की खड़ी फसल थी। यदि आग पर समय रहते काबू न पाया जाता, तो पूरी फसल जलकर राख हो सकती थी। ग्रामीणों की मेहनत और सतर्कता से एक बड़ी आपदा टल गई।
ग्राम प्रधान ने भी मानी प्रशासन की लापरवाही
मौके पर पहुँचे ग्राम प्रधान ने घटना को गंभीर बताते हुए कहा, “यदि पुलिस पहले शिकायत पर कार्रवाई करती, तो यह घटना रोकी जा सकती थी। यह पूरी तरह प्रशासन की लापरवाही का नतीजा है, जिसने एक गरीब परिवार को भारी नुकसान पहुँचाया।”
प्रशासन पर उठ रहे हैं सवाल
अब सवाल यह है कि क्या पुलिस इस मामले में अब जागेगी? क्या जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कोई ठोस कदम उठाया जाएगा? या फिर यह मामला भी बाकी घटनाओं की तरह ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा?
✍️मनोज सिंह
