रायबरेली में शिक्षा की दुर्दशा: कब जागेगा प्रशासन?

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जनपद रायबरेली के विकासखंड सताँव  कोडर गाँव में प्राथमिक विद्यालय की हालत चिंताजनक है। हाल ही में इस विद्यालय की स्थिति पर मीडिया ने गहरी  चिंता जताई, जहाँ शिक्षा के बजाय जंगल का नज़ारा देखने को मिला।

अध्यापक समय पर नहीं पहुँचते!
स्थानीय लोगो से जानकारी मिल रही है कि विद्यालय में शिक्षक और हेड मास्टर समय पर उपस्थित नहीं होते हैं। क्या ऐसे में बच्चों को गुणवत्ता शिक्षा मिल सकती है? शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है, लेकिन खंड शिक्षा अधिकारी इसे नजरअंदाज कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री पोर्टल पर की गई शिकायतें भी बेकार?
गाँव के लोगों ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर अपनी शिकायतें कीं, लेकिन खंड शिक्षा अधिकारी का कहना है कि वे समस्या का समाधान नहीं कर सकते। अगर बेसिक शिक्षा अधिकारी ही सभी गतिविधियों के प्रबंधक हैं, तो खंड शिक्षा अधिकारी की भूमिका क्या है?

बच्चों का शोषण जारी!
इन गतिविधियों के चलते बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। सामाजिक योजनाएं, जैसे निशुल्क शिक्षा का सपना, कब साकार होगा? फर्जी हाजिरी के बल पर संख्या को बढ़ाकर दिखाना खतरनाक है।

♂️ प्रशासन को कब होगी जिम्मेदारी?
इस तरह की स्थिति को देखकर सवाल उठता है कि आखिर कब जागेगी प्रशासन? बच्चों के साथ हो रहे इस अन्याय के खिलाफ कोई कदम क्यों नहीं उठाया जा रहा है? क्या शिक्षा का अधिकार केवल कागजों में है?

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इस मामले को उठाएं और प्रशासन से जवाब मांगें। ✊

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Samaj Tak
Author: Samaj Tak

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