जिला अस्पताल के डॉक्टर ने दो दिन मे भर्ती हुए मरीज का बनवाया 20 हजार का बिल

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पेट का सीटी स्कैन कराया 7000 लगे, 3800 में बाहर की ब्लड जांच कराई, 4000 का एक इंजेक्शन बाहर से मंगा कर मरीज को लगवाया, केस सर्जन का है यह जानने के बावजूद भी 5500 की दवाएं लिखी, चौकिए नहीं यह किसी प्राइवेट अस्पताल का खर्चा नहीं बल्कि जिला अस्पताल के कमीशन खोर डॉक्टर गौरव त्रिवेदी की करतूत है। लालगंज क्षेत्र से आए एक मरीज को भर्ती करने के बाद इस डॉक्टर ने एम्स गेट के सामने खुली पैथोलॉजी से जांच करवाई, डॉ गौरव त्रिवेदी इससे पहले एम्स में थे, इस पैथोलॉजी वाले को अपने साथ लेकर चलते हैं, सरकार ₹1 के पर्चे पर नि:शुल्क इलाज करने का दावा करती है लेकिन यहां जिला अस्पताल में डॉक्टर कमीशन के चक्कर में मरीजों की जेब पर सीधे डाका डाल रहे हैं। डिप्टी सीएम पाठक जी के छापों का कहीं कोई असर नहीं है।
CM Yogi Adityanath Brajesh Pathak Voice of Raebareli

Samaj Tak
Author: Samaj Tak

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तो अब उत्तर प्रदेश की सरकार मीडिया पर भी नकेल कसना शुरू कर दिया है। अब कोई भी पत्रकार किसी विद्यालय सरकारी अथवा अर्ध सरकारी विद्यालय की हालातो पर खबर नहीं बना सकता है खबर बनाने के पहले पत्रकार को परमिशन लेनी होगी। सबसे पहले वह विद्यालय के प्रबंधक या प्रधानाचार्य की अनुमति लेगा या फिर बीएसए से आज्ञा लेकर पत्रकारिता करेगा। यह लेटर जनपद मऊ से जारी हुआ है साथ ही रायबरेली जनपद के बीएसए ने भी एक किसी पत्रकार से जरिए मोबाइल पर आदेश किया है कि बिना प्रधानाचार्य के अनुमति आप खबर नहीं बना सकते हैं अगर मौके प्रधानाचार्य नहीं तो उसका इंतजार करिए। मतलब अब खबर बनाना है तो पहले अनुमति के इंतजार करिए। रायबरेली जनपद के बीएसए और मऊ का लेटर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जों समाज के चौथे स्तंभ को रौंद रहा है

रायबरेली, संदिग्ध परिस्थितियों में बैंक में आग लग गई है। घटना की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस व दमकल के अधिकारियों व कर्मचारियों ने पानी और सीजफायर के माध्यम से आग पर काबू पा लिया है ।

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रायबरेली, संदिग्ध परिस्थितियों में बैंक में आग लग गई है। घटना की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस व दमकल के अधिकारियों व कर्मचारियों ने पानी और सीजफायर के माध्यम से आग पर काबू पा लिया है ।