पेट का सीटी स्कैन कराया 7000 लगे, 3800 में बाहर की ब्लड जांच कराई, 4000 का एक इंजेक्शन बाहर से मंगा कर मरीज को लगवाया, केस सर्जन का है यह जानने के बावजूद भी 5500 की दवाएं लिखी, चौकिए नहीं यह किसी प्राइवेट अस्पताल का खर्चा नहीं बल्कि जिला अस्पताल के कमीशन खोर डॉक्टर गौरव त्रिवेदी की करतूत है। लालगंज क्षेत्र से आए एक मरीज को भर्ती करने के बाद इस डॉक्टर ने एम्स गेट के सामने खुली पैथोलॉजी से जांच करवाई, डॉ गौरव त्रिवेदी इससे पहले एम्स में थे, इस पैथोलॉजी वाले को अपने साथ लेकर चलते हैं, सरकार ₹1 के पर्चे पर नि:शुल्क इलाज करने का दावा करती है लेकिन यहां जिला अस्पताल में डॉक्टर कमीशन के चक्कर में मरीजों की जेब पर सीधे डाका डाल रहे हैं। डिप्टी सीएम पाठक जी के छापों का कहीं कोई असर नहीं है।
CM Yogi Adityanath Brajesh Pathak Voice of Raebareli