वन माफियाओं के सहयोगी की भूमिका में नजर आ रहा वन विभाग
ख़ास रिपोर्ट जिला संवाददाता जितेंद्र सविता
बछरावां,रायबरेली।
वन विभाग की लापरवाही के चलते क्षेत्र में धड़ल्ले से हरे पेड़ों की कटाई की जा रही है। जिम्मेदारों की अनदेखी से होते हैं ऐसे कार्य, जबकि हर वर्ष सरकार व प्रशासन हरियाली को बढ़ावा देने के लिए पौधा रोपण अभियान चलाती है। इस पर सरकार द्वारा करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं,विभिन्न संस्थाएं भी लगातार जागरूक करते हुए पौधा रोपण करती रहती हैं,जिससे हमारा प्रदेश व देश हरा भरा रहे और प्रकृति संरक्षण का सपना साकार हो सके।जबकि उसकी सुरक्षा को लेकर संबंधित विभाग ही लापरवाही बरतते हैं।एक ऐसा ही मामला हमारे प्रकाश में आया है जहां बछरावां थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम सभा पस्तौर के ग्राम ठकुराइन खेड़ा में बेखौफ वन माफिया ने बिना परमिट प्रतिबंधित हरे महुआ के पेड़ को काटकर जमींदोज कर दिया।जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया में वायरल हुई तो खुद का दामन बचाने के लिए वन विभाग ने कार्यवाही कर दी। उल्लेखनीय है कि बढ़ते पर्यावरण संकट के समाधान के लिए पर्यावरणविद्, वैज्ञानिक,समाजसेवी तथा सरकार द्वारा भले ही हर वर्ष पौधा रोपण कराकर वन संरक्षण का प्रयास किया जा रहा हो लेकिन मौके की स्थिति बेहद चौकाने वाली है।वनों से कीमती लकड़ियों के काटे जाने से वन समाप्त होते जा रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि वन विभाग के लोग वन माफियाओं के सहयोगी जैसी भूमिका अदा करते हैं अगर ऐसी ही मिली भगत चलती रहेगी तो कैसे हमारा प्रदेश हरा-भरा प्रदेश कहलायेगा।
वही जब कार्रवाई की सुध लेने के लिए हमारे संवाददाता ने वन विभाग के कर्मचारी से बात की तो पता चला कि कटी हुई लड़कियों से लदी ट्रॉली पर कार्रवाई करते हुए वन विभाग ने अपना दामन साफ कर लिया, और घटना स्थल तक जाना भी मुनासिब नहीं समझा और वीडियो में जिस तरह लगभग एक दर्जन से ऊपर प्रतिबंधित पेड़ों की काटन को देखा जा सकता है परन्तु ऐसे में वन विभाग केवल अपनी खाना पूर्ति ही करते नजर आया, और बातों ही बातों में यह तक भी वन कर्मी ने कह दिया कि आपकी जानकारी देने के बाद हमने कार्रवाई की है मुझे तो ऐसा लगता है कि अगर समाज के सक्रिय प्रहरी इनको सूचना न दें तो यह केवल सरकारी वेतन का ही लाभ उठाते रहे और कोई काम ना करें।
