उत्तर प्रदेश

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फर्जी अस्पतालों की पोल खोल रहे वरिष्ठ पत्रकार पर FIR, नाराज डीएम साहेब ने प्रेस मान्यता भी लटकाई

अंबेडकर नगर : उत्तर प्रदेश में एक तरफ पत्रकारों के शोषण, हत्या और फर्जी मुकदमे की बाढ़ आई हुई है। वहीं दूसरी तरफ जिला प्रशासन द्वारा वकीलों और पत्रकारों से अनपढ़ मजदूरों जैसा व्यवहार करना.. निश्चित रूप से सरकार की छवि को गिराने वाला माना जा सकता है।

ताजा प्रकरण अंबेडकर नगर जनपद के मान्यता प्राप्त वरिष्ठ पत्रकार ज्ञान प्रकाश पाठक पर कथित मुकदमे को लेकर सामने आया है। बताया जा रहा है कि ये मामला पूरे जनपद में चर्चा का विषय बना हुआ है।

दरअसल, ज्ञान प्रकाश ने जिले में संचालित हो रहे विवादित और दागी अस्पतालों पर जमकर रिपोर्टिंग की। उन्होंने जिले के अफसरों से इस बाबत शिकायत की। लेकिन कोई सुनवाई न होने से मानक विहीन अस्पताल चलाने वालों के हौंसले बुलंद हो गए। नतीजतन जनवरी 2025 में मेडलाइफ अस्पताल की तरफ से अपराध संख्या- 22/2025 के तहत 308(5), 352 व 351(3) की धाराओं में ज्ञान प्रकाश के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा दिया गया।

भड़ास4मीडिया से हुई बातचीत में ज्ञान प्रकाश बताते हैं कि, स्थिति तब और घृणित हो जाती है जब जिलाधिकारी अंबेडकर नगर अविनाश सिंह, यह कारण बताकर पत्रकार के मान्यता को, रिन्यूअल करने को राज़ी नहीं हो रहे हैं कि…कि आप पर मुकदमा हो चुका है, उस स्थिति में आपका रिन्युअल नहीं किया जा सकता।

बताया जा रहा है कि अपनी प्रेस मान्यता को लेकर ज्ञान अब हाईकोर्ट की शरण लेने वाले हैं। वहीं मामले में तमाम सवाल भी उठ रहे हैं। कुछ पत्रकारों का कहना है कि अंबेडकर नगर में क्या कोई ऐसा पत्रकार है, जिसने मान्यता का रिन्युअल नहीं पाया है, या जिसके ऊपर 156/3 जैसी धारा का मुकदमा लगा हुआ हो। कितने साफ़ पाक लोगों का रिन्युअल हुआ है? यह जानना जरूरी हो गया है।

ज्ञान प्रकाश का कहना है कि मामले की पारदर्शिता को ध्यान में रखकर डीएम अंबेडकर नगर को पार्टी बनाया जाएगा! पत्रकार ने यह भी सवाल उठाया है कि, यदि संयोग से जिलाधिकारी पर मुकदमा हो जाता है! तो क्या इन्हें उसी दिन से जिलाधिकारी नहीं माना जाएगा? या जिलाधिकारी को उनके सेवा से हटा दिया जाएगा?

उन्होंने कहा कि, जब कोई पढ़ा लिखा इंसान जिसे सरकार ने प्रमाणित कर दिया हो कि आप प्रबुद्ध वर्ग के है, तो इस तरीके की बचकानी हरकत ‘पूर्वाग्रह और कमजोर नीयत, का प्रतीक माना जाता है! इसी के साथ यह घटना प्रेस क्लब के अध्यक्ष शैलेंद्र तिवारी पर चिंता का सवाल है। कमजोर नेता अपने समाज के लिए मुसीबत पैदा करता है।

कोई सक्षम जीवंत पत्रकार किसी ‘जिला अधिकारी’ की गुलामी नहीं स्वीकार करेगा! वह लाभ की लालच नहीं करेगा, मान्यता का तिरस्कार कर देगा, या… ऐसे लोक सेवक के लिए पद और गरिमा के दुरुपयोग के बाबत मा. अदालत की शरण लेगा।✍️ वायरल पोस्ट अम्बेडकर नगर

Samaj Tak
Author: Samaj Tak

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