मैं सर्वेश पांडेय एक 22 वर्ष का युवा जिसके सर से पिता का साया डेढ़ वर्ष में ही उठ जाता है एक बड़ा भाई जो 15 वर्ष की अवस्था में कहीं गुम हो जाता है तमाम परिवारिक जिम्मेदारियों के साथ जो स्वयं खेती करता है अपनी पढ़ाई करता है जब हमारी उम्र के तमाम बच्चे गांव में क्रिकेट, गिल्ली डंडा, कबड्डी खेलते थे तो उस उम्र में मैं फावड़ा लेकर खेत में काम करता था मेरा पूरा जीवन संघर्षों में बीता जब विद्यालय में पढ़ने गया तो एक विशेष समाज से आने के नाते गरीब होते हुए भी हमसे फीस का दाम ज्यादा लिया गया हमने कभी जाति और मजहब की बात नहीं की लेकिन देश की व्यवस्थाओं में हम से जाति के आधार पर भेदभाव किया गया हमारे गांव में किसी भी समाज का कोई व्यक्ति क्यों ना हो अगर बड़े हैं हमसे तो भैया और दादा करके ही बात किए उसके बदले हमें बड़ा प्यार और सम्मान सभी लोगों से मिला हमेशा हम कभी किसी जाति और मजहब के लिए नहीं जरूरत के लिए आवाज उठाए हमने हमेशा यही कहा कि अगर कोई गरीब है वह किसी भी जाति का है तो उसके साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए क्योंकि स्वयं मैंने गरीबी में अपना जीवन यापन किया है और गरीब होने के कारण बहुत सारी समस्याओं को झेला है अगर इस देश में कुछ व्यवस्थाएं गलत हैं तो उसके लिए कोई जाति नहीं सरकार जिम्मेदार है सवर्णों के साथ तमाम भेदभाव को देखा तो उनके लिए आवाज उठाना शुरू किया जहां भी जो भी मामला आया अपनी क्षमता से भी ज्यादा प्रयास करके उसमें मदद करने और करवाने का प्रयास किया स्वयं का घर नहीं बना है फिर भी अपने समाज के जरूरतमंदों के घर के लिए हमने चंदा मांग कर उनका घर बनवाया, समाज के लिए कहीं भी जाना पड़ा बस से बाइक से पैदल कैसे भी जहां भी पहुंच पाए पहुंचे कॉलेज टाइम से ही समाज के लिए लड़ना शुरू कर दिया तो अन्य कार्यों के बारे में सोचने या और कुछ करने के लिए समय नहीं मिला सिर्फ अपने काम पर हमेशा हमने ध्यान दिया कभी किसी से कोई कंपटीशन नहीं किया ना ही कभी किसी का कोई विरोध किया फिलहाल काफी विरोध मैंने झेला लेकिन हमेशा यही सोचा कि जो लोग मेरा विरोध कर रहे हैं उन्हें मैं अपने बातों से नहीं अपने कार्यों से जवाब दूंगा, लेकिन आज जिंदगी एक ऐसे मोड़ पर आकर खड़ी हुई कि लोग हमारे ही खिलाफ षड्यंत्र करना शुरू कर दिए, हमारा कभी स्वभाव नहीं रहा किसी को गाली देने का फिर भी झूठे आरोप लगाकर फर्जी मुकदमे में फंसा दिए जब हमने आवाज उठाई सभी लोगों का समर्थन मिला तो कुछ लोग प्लान के तहत उस आवाज को भी मिस गाइड करने का प्रयास किए मुझे पता है कि मेरे खिलाफ लगातार षड्यंत्र रचे जा रहे हैं जबकि हमने कभी किसी का ना कोई नुकसान किया और ना ही कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा है हमारी बस पता नहीं कैसे जज्बा था एक सोच थी कि समाज के लिए कुछ करना है लेकिन यह नहीं पता था कि लोग इसमें भी टांग अड़ाएंगे हमने कभी ब्राह्मण ठाकुर नहीं किया आज हमेशा साए की तरह मेरे साथ मेरे सबसे विश्वसनीय ठाकुर शिवम सिंह जी हैं उसके बाद भी लोगों ने मेरे इस आंदोलन को ब्राह्मण ठाकुर में करने का प्रयास किया अभी तक मुझे न्याय नहीं मिला है कुछ लोग चाहते हैं सुलह हो जाएं लेकिन जब गुनाह नहीं है तो फिर क्यों सुलह हो जाए मैंने अपना इसलिए वीडियो नहीं वायरल किया कि मुझे न्याय मिल जाए क्योंकि सिर्फ मुकदमा खत्म करवाना होता तो बहुत से मेरे समाज के भाई बंधु हैं जो उसे खड़े होकर खत्म करवा देते मैंने इसलिए आवाज उठाई कि जब इस तरीके से घटना मेरे साथ हो सकती है तो मेरे समाज के अन्य लोगों के साथ क्या बीतती होगी मुकदमा अगर नहीं वापस होगा तो ज्यादा से ज्यादा जेल होगी जमानत करवाएंगे लेकिन अगर गलत नहीं है पीछे नहीं हटेंगे आवाज उठाएंगे बस इतना जानता हूं कि साफ हृदय से हमने हमेशा समाज के लिए आवाज उठाई है कभी किसी के खिलाफ कोई षड्यंत्र नहीं किया तो यह भी विश्वास है कि षड्यंत्र करने वाले कभी सफल नहीं हो पाएंगे परेशान हूं, और भी हो सकते हैं और परेशान किया जाएगा लेकिन हमें कोई पराजित नहीं कर पाएगा बहुत लोग होते हैं इधर की बात उधर करने वाले उन पर ध्यान मत दीजिएगा क्योंकि बहुत लोग आए और चले गए हमने हिम्मत की है सवर्ण समाज की आवाज उठाने के लिए तो इस हिम्मत को कभी टूटने मत दीजिएगा।
