रायबरेली (हरचंदपुर ब्लॉक):
जोहवाशर्की प्राथमिक विद्यालय, जो हरचंदपुर ब्लॉक के अंतर्गत आता है, वहां की शिक्षण व्यवस्था इन दिनों सवालों के घेरे में है। विद्यालय के मौजूदा प्रधानाध्यापक अरविन्द कुमार द्विवेदी, जो कि शिक्षक संघ के ब्लॉक अध्यक्ष भी हैं, ने जो हालात उजागर किए हैं, वे बेहद चिंताजनक हैं।
सूत्रों और ग्रामीणों से लगातार यह शिकायतें मिल रही थीं कि विद्यालय में कुछ शिक्षक नियमित रूप से देरी से आते हैं। जब स्थिति की वास्तविकता जानने के लिए एक टीम मौके पर पहुंची तो पाया गया कि सुबह 8:10 बजे तक कुल 10 में से केवल 6 शिक्षक ही विद्यालय में मौजूद थे।
सबसे गंभीर बात यह रही कि प्रधानाध्यापक ने स्वयं यह स्वीकार किया कि शिक्षक शशिकांत त्रिपाठी निरंतर देरी से विद्यालय आते हैं। जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने बताया कि शशिकांत त्रिपाठी खुले तौर पर यह कहते हैं कि उनका संपर्क BRC, BEO सहित कई उच्च अधिकारियों से है और वह लखनऊ से आते हैं, इसलिए उन्हें देर से आने पर कुछ नहीं कहा जा सकता।
इतना ही नहीं, प्रधानाध्यापक के अनुसार जब इस मामले की शिकायत की गई, तो शिक्षक त्रिपाठी द्वारा कथित तौर पर धमकी भरे लहजे में जवाब दिया गया — “सर फोड़ देंगे”। प्रधानाध्यापक के मुताबिक इस तरह की बातों की शिकायत अधिकारियों से भी की गई, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई।
जब एक जिम्मेदार शिक्षक, जो ब्लॉक शिक्षक संघ के अध्यक्ष भी हैं, उनके साथ इस तरह की स्थिति हो रही है, तो आम ग्रामीणों और विद्यार्थियों की आवाज का क्या होगा? विद्यालय की गरिमा, अनुशासन और बच्चों के भविष्य से इस तरह का खिलवाड़ कहीं न कहीं पूरे सिस्टम की पोल खोलता है।
कार्रवाई की मांग:
यह अत्यंत आवश्यक है कि जिला शिक्षा विभाग इस मामले को गंभीरता से लेते हुए शशिकांत त्रिपाठी जैसे लापरवाह और असंवेदनशील शिक्षकों पर तत्काल जांच बैठाए और सख्त अनुशासनात्मक कार्यवाही सुनिश्चित करे।
विद्यालय शिक्षा का मंदिर होता है और वहां ऐसे अध्यापकों की कोई जगह नहीं होनी चाहिए, जो अपनी सत्ता, संबंध या धमकियों के बल पर बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करें।
👉 “शिक्षा से समझौता नहीं, व्यवस्था में सुधार हो वही प्राथमिकता सही।”
