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समाज तक मीडिया रिपोर्ट

सच लिखने की सज़ा — जब कलम को हथकड़ी पहनाई जाती है

क्या आज के दौर में सच्चाई बोलना गुनाह बन गया है?
क्या सच की लड़ाई लड़ने वाले पत्रकार को झूठे मुकदमों में फंसाकर तोड़ा जा सकता है?
यह सवाल आज पूरे समाज के सामने है।

🔹 विजय प्रताप सिंह का मामला — एक सच्चे पत्रकार को झूठे आरोपों में फंसाने की कोशिश

“समाज तक मीडिया” के संस्थापक एवं सी. एस. पी. वेलफेयर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष विजय प्रताप सिंह के विरुद्ध एक फर्जी बलात्कार एवं एससी/एसटी एक्ट का मामला (क्राइम नंबर 311/25) दर्ज कराया गया है।
यह प्रकरण न्यायालय के आदेश पर थाना गुरबक्शगंज, जिला रायबरेली में दर्ज किया गया।

विजय प्रताप सिंह का कहना है कि —

 “दिनांक 14 जून 2025 को मेरे गाँव की एक महिला अपने उत्पीड़न की शिकायत लेकर मेरे मीडिया कार्यालय आई थीं और उसी घटना की खबर समाज तक मीडिया में प्रकाशित की गई थी। उसी रंजिशवश कुछ लोगों ने 23 जून 2025 को मेरे विरुद्ध फर्जी प्रार्थना पत्र न्यायालय में प्रस्तुत कराया, जिसमें झूठे बलात्कार और एससी/एसटी एक्ट के आरोप लगाए गए।”

उनका यह भी कहना है कि —

यह मुकदमा न्यायालय के आदेश पर तो दर्ज कर लिया गया, परंतु क्राइम नंबर 311/25 आज तक यूपी पुलिस पोर्टल पर अपलोड नहीं किया गया, जबकि 304 से लेकर 312 तक सभी क्राइम नंबर ऑनलाइन दर्ज हैं। बार-बार प्रयास करने पर भी एफआईआर की प्रति नहीं मिल रही है। यह दर्शाता है कि मामले को छिपाने और भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है।”

🔹 पत्रकार की कलम पर राजनीतिक दबाव और भ्रष्टतंत्र का प्रहार

विजय प्रताप सिंह ने वर्षों से मनरेगा, आबकारी, वन, स्वास्थ्य और खनन विभागों में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ सैकड़ों शिकायतें प्रमुख सचिव, सीआईडी, भारत सरकार, और राज्य सरकार को भेजी हैं।
उनकी रिपोर्टों के आधार पर कई जांचें भी हुईं, परंतु अब उसी का परिणाम यह निकला कि उन्हें झूठे मुकदमे में फंसा दिया गया।

उनका कहना है —

मैंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की जीरो टॉलरेंस नीति पर विश्वास रखते हुए सत्य की राह अपनाई, परंतु अब वही सत्य मेरे खिलाफ हथियार बन गया है। मुझे बस इतना कहना है — सत्य को बचा लीजिए सरकार, क्योंकि मैं निहत्था हूं, पर झुका नहीं हूं।”

🔹 पत्रकारिता की मौजूदा स्थिति – एक गंभीर चिंता

आज पत्रकारिता पर सबसे बड़ा खतरा उन्हीं ताकतों से है, जो अंधेरे को उजाले से डरता देख बौखला जाते हैं।
जो पत्रकार सच उजागर करता है, उसी पर राजनीतिक और सामाजिक षड्यंत्रों के तहत फर्जी मुकदमे दर्ज करा दिए जाते हैं।
यह न केवल एक व्यक्ति पर हमला है, बल्कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर सीधा प्रहार है।

आने वाली पीढ़ी के लिए यह चेतावनी है —
अगर आज सच की आवाज़ को कुचलने दिया गया, तो कल कोई भी कलम आज़ाद नहीं रहेगी।

🔹 विजय प्रताप सिंह की अपील

 “मैं न्यायपालिका और शासन प्रशासन से बस यही निवेदन करता हूँ कि मेरी नहीं — सत्य की रक्षा की जाए।

झूठे मुकदमे की गहराई से जांच हो, और जो लोग इस प्रकार के षड्यंत्र रचते हैं, उन पर कठोर कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में कोई निर्दोष पत्रकार इस तरह की यातना का शिकार न बने।”

📢 समाज तक मीडिया की अपील:
पत्रकारिता कोई अपराध नहीं — यह लोकतंत्र की आत्मा है।
सरकार से मांग है कि पत्रकार सुरक्षा कानून को सख्ती से लागू किया जाए,
ताकि कोई भी ईमानदार कलम भय के साए में न जिए।

🖊️ रिपोर्टर: समाज तक मीडिया टीम
✍️ विजय प्रताप सिंह
प्रदेश अध्यक्ष – सी. एस. पी. वेलफेयर एसोसिएशन, उत्तर प्रदेश
संस्थापक / संपादक – समाज तक मीडिया
📧 samajtak01@gmail.com | 🌐 www.samajtak.com
📞 7985372828 | ☎️ 0535-2988112

Samaj Tak
Author: Samaj Tak

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