गौशाला नहीं कब्रगाह! रायबरेली के सतांव ब्लॉक की गौशाला में तड़प-तड़पकर मर रही हैं गाएं, अधिकारी मौन!

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जनपद रायबरेली, विकासखंड सतांव के ग्राम पंचायत कृष्णापुर ताला की गौशाला में बेबसी और तड़प का वीभत्स दृश्य देखने को मिल रहा है। जहां गायों को ना चारा मिल रहा, ना पानी, ना छांव – खुले आसमान के नीचे जलती बालू (रेत) पर तड़पती गाएं दम तोड़ रही हैं।

भूसे की जगह सूखा भूसा, और पानी की जगह सूख चुके गड्ढे, ये हालात किसी असंवेदनशील तंत्र की जीती-जागती तस्वीर हैं।

लापरवाही की हद तो तब पार हो गई, जब मरी हुई और मरती हुई गाएं रिक्शा लोडर में फेंक-फेंक कर ले जाई जा रही हैं। कहीं कोई डॉक्टर नहीं, ना ही कोई देखरेख।

आखिर यह कैसा विकास है, जिसमें पशुधन को यूं मरने के लिए छोड़ दिया जाता है?
कौन हैं इस अमानवीयता के ज़िम्मेदार?

ग्राम प्रधान?

विकासखंड अधिकारी?

पशुपालन विभाग?

या पूरा प्रशासन?

अब सवाल जनता पूछेगी – क्या सिर्फ कागजों में चारा दिखा कर, बजट डकार कर, इन निरीह गायों को मार कर अधिकारी पदवी और सम्मान के हकदार बन जाते हैं?

जनता सब देख रही है, अब यह वीडियो, यह तस्वीरें, यह सच्चाई ट्विटर से लेकर न्यायालय तक पहुंचेगी।
हम पूछते हैं –
“गौशालाओं में गायें मर रही हैं, और अधिकारी चैन की नींद कैसे सो रहे हैं?”

✍️विजय प्रताप सिंह
समाज तक
7985372828

Samaj Tak
Author: Samaj Tak

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