उत्तर प्रदेश के थाना हैदराबाद, लखीमपुर खीरी में तैनात थानाध्यक्ष प्रवीण गौतम के फेसबुक पेज पर 2015 से लेकर 20.04.2025 तक ऐसी तस्वीरें मौजूद हैं, जिनमें वे अवैध शस्त्र लहराते दिखाई दे रहे हैं।
जब एक आम नागरिक ऐसा करे तो आर्म्स एक्ट 1959 और IPC की धारा 505, 506, 153A जैसी गंभीर धाराएं लगती हैं।
तो क्या सरकारी अधिकारी कानून से ऊपर हैं?
क्या कोई पुलिसकर्मी इस देश के क़ानून को आँख दिखाकर अवैध शस्त्र का प्रदर्शन कर सकता है?
क्यों न ऐसे अफसरों पर भी वही कार्यवाही हो, जो उन्होंने आम नागरिकों पर की?
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, DGP उत्तर प्रदेश, और गृह मंत्रालय से मांग है कि:
- इस प्रकरण पर तत्काल जांच कमेटी गठित हो
- दोषी अधिकारी पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए
- ऐसे मामलों में दोहरे मापदंड खत्म हों
कानून सबके लिए बराबर है — चाहे आम हो या खास।
शस्त्र प्रदर्शन का फैशन नहीं, अपराध है।
✍️ विजय प्रताप सिंह
समाज तक
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