रायबरेली में खुले में घूम रहे मवेशियों की वजह से एक तरफ किसान परेशान हैं और इस सर्दी में फसलों को बचाने के लिए दिन-रात रखवाली कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ इन मवेशियों के लिए बने गौशाला .आश्रय स्थल अनदेखी के चलते कब्रगाह बनते जा रहे हैं।
भूख-प्यास से विकल गोवंशी घुट-घुटकर दम तोड़ रहे हैं। जिसको लेकर मीडिया कर्मी .ने विकास खंड सताँव के ग्राम टिकरा में बनी गोशाला की पड़ताल की तो यहां गौशाला को जाने वाली सडक के कुछ दूरी पर गौवंश के शवों को कुत्ते नोचते दिखाई दिए मवेशियों के कंकाल कंकाल पड़े मिले।मवेशियों के मृत शवों को नोच रहे आवारा कुत्ते
जिम्मेदार अफसर और कर्मचारी मौतों को .छिपाने के लिए बिना पोस्टमार्टम कराए ही शवों को गौशाला से कुछ दूरी पर दफ़नाने के बजाय खुले में फेंक दिए।जिसकी दुर्गन्ध वातावरण मे फैलकर ग्रामीणों को बीमारी का दावत दे रही है वही एक ..ग्रामीण ने. बताया कि गौशाला से मरी हुई गायों को लाकर यहां बिना मिट्टी में .दफन किये ऐसे ही खुले में .फेंक दिया जाता है।
जिससे राहगीरो व स्कूली .बच्चो को .सुबह शाम ..को आने . जाने में दुर्गन्ध का सामना करना पड़ रहाँ है .