मैं विजय प्रताप सिंह,
समाज तक मीडिया का निर्भीक पत्रकार,
आज पूरे क्षेत्र, प्रशासन और जनता के सामने खुलेआम ऐलान करता हूं।
03 मई 2025, शाम 5:46 बजे, मुझे फोन पर धमकी दी गई।
कॉल अवधि 4 मिनट 10 सेकेंड –
जिसमें गाली-गलौज, झूठे आरोप और खुलेआम जान से मारने की धमकी दी गई।
कहा गया –
“तुम्हारा आखिरी दिन है… तुम सब पैसों और दलाली के लिए कर रहे हो…”
तो सुन लो –
मैं वो पत्रकार हूं जो सच के लिए पत्रकारिता करता है,
ना कभी बिकता है, ना झुकता है और ना रुकता है।
अगर मौत भी आएगी, तो धोखे से आए – डराकर कोई मुझे पीछे नहीं कर सकता।
मैं जानता हूं ये रास्ता आसान नहीं, लेकिन मैंने ये रास्ता खुद चुना है –
सच की लड़ाई का रास्ता।
जो लोग आज मुझे धमका रहे हैं,
वही पहले बाहरी दवाएं लिखने वाले डॉक्टरों के पक्षधर रहे हैं।
दो बार जब मैंने डॉक्टरों की करतूतों को उजागर करने की कोशिश की,
तब भी ये लोग दबाव बना चुके हैं।
अब सोचिए –
ऐसे लोग अपने बच्चों और परिवार के लिए क्या उदाहरण छोड़ना चाहते हैं?
कि सच्चाई को दबा दो? पत्रकार को डरा दो? या सब कुछ पैसे से खरीद लो?
मैं आज फिर कहता हूं –
आपकी करोड़ों की दौलत,
आपका रसूख,
आपकी धमकी –
सच्चाई के आगे बौनी है।
मैं लगातार क्षेत्र में
अवैध शराब, जुआ, गांजा, स्मैक, अवैध कटान जैसी गंदी व्यवस्थाओं के खिलाफ आवाज़ उठा रहा हूं।
अब जब सिस्टम की कमाई रुक गई है,
तो पत्रकारों को डराने का खेल शुरू हो गया है।
मैं जनता से, समाज से और सिस्टम से कहना चाहता हूं –
अगर मुझे कुछ होता है तो जिम्मेदार वही लोग होंगे जो
भ्रष्टाचार को बचा रहे हैं और सच को दबा रहे हैं।
यह मेरा आखिरी वीडियो नहीं –
यह एक सच्चे पत्रकार का ऐलान है।
मैं जिंदा रहूं या नहीं,
मेरी आवाज़ जिंदा रहेगी। ✍️7985372828
सचकेलिए_लड़ाई
एकसच्चापत्रकार
धमकीसेनहीं_डरते
समाजतककी_कलम
