रायबरेली जनपद के सताँव ब्लॉक अंतर्गत जतुवा टप्पा कार्यालय में 1 मई को एक ऐतिहासिक एवं भावुक विदाई समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें दो वरिष्ठ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं — भानुमति (ग्राम पंचायत कृष्णापुर ताला) और कमला चौधरी (ग्राम पंचायत बथुआ खास) — को 62 वर्ष की सेवा आयु पूर्ण होने पर सम्मानपूर्वक विदाई दी गई।
इस विशेष मौके पर ब्लॉक स्तरीय अधिकारीगण, एडीपीओ, सीडीपीओ, सुपरवाइजर, एवं क्षेत्र की सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बहनें उपस्थित रहीं। फूल-मालाओं, धार्मिक प्रतीकों, और श्रीमद्भगवद्गीता के साथ बहनों का भावनात्मक रूप से अभिनंदन किया गया। यह पहला अवसर था जब सताँव ब्लॉक में किसी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का इस स्तर पर गरिमापूर्ण विदाई समारोह आयोजित हुआ।
‘समाज तक मीडिया’ से बात करते हुए कई कार्यकर्ताओं ने अपनी भावनाएँ व्यक्त कीं और बताया कि यह क्षण गौरव के साथ-साथ पीड़ा का भी विषय है। 27 वर्षों की निस्वार्थ सेवा के बाद भी सरकार की ओर से किसी प्रकार की आर्थिक सहायता, पेंशन या स्थायी लाभ नहीं दिया गया — यह अत्यंत चिंता का विषय है।
सरकारी विभागों की ओर से बार-बार अलग-अलग कार्यक्रमों में बिना लिखित आदेश के इन बहनों को बुलाया गया, गांव-गांव जाकर सेवाएँ ली गईं, लेकिन आज जब सेवा समाप्त हुई तो ‘सिर्फ सूचना’ देकर उन्हें रिटायर कर दिया गया।
समाज तक मीडिया का मानना है कि ऐसी कर्मठ महिलाओं को सम्मानजनक सेवानिवृत्ति लाभ, पेंशन योजना और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना न केवल उनका हक है, बल्कि एक जिम्मेदार सरकार की नैतिक ज़िम्मेदारी भी है।
यह समारोह जहां एक ओर सम्मान की मिसाल बना, वहीं सरकारी उदासीनता पर भी एक बड़ा सवाल छोड़ गया। अब ज़रूरत है कि सरकार और नीति-निर्माता आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भूमिका को पुनः मूल्यांकित करें और उनके भविष्य को सुरक्षित बनाने की ठोस योजना बनाएं।
