समाज तक टीम की पड़ताल में सामने आया बड़ा खुलासा, बेसिक शिक्षा अधिकारी ने कहा — समयपालन अनिवार्य
रायबरेली जनपद के सताँव विकासखंड के अंतर्गत आने वाले खगिया खेड़ा गांव के प्राथमिक विद्यालय में लापरवाही का गंभीर मामला सामने आया है।
समाज तक मीडिया की टीम द्वारा की गई पड़ताल में यह पाया गया कि निर्धारित समय (सुबह 7:30 बजे) तक विद्यालय में कोई भी शिक्षक या सरकारी कर्मचारी मौजूद नहीं था।
जबकि बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, विद्यालय में 7:30 बजे तक शिक्षण कार्य प्रारंभ हो जाना चाहिए।
सुबह 7:40 बजे, विद्यालय का ताला खुला मिला लेकिन परिसर में एक भी जिम्मेदार व्यक्ति उपस्थित नहीं था।
इससे यह बड़ा सवाल खड़ा होता है कि जब विद्यालय खुला था तो सुरक्षा की जिम्मेदारी किस पर थी और ताला किसने खोला?
ग्रामीणों की शिकायत: शिक्षा व्यवस्था ध्वस्त, गुटबाजी में व्यस्त हैं शिक्षक
स्थानीय ग्रामीणों ने समाज तक टीम को बताया कि विद्यालय में अक्सर शिक्षक सामूहिक रूप से बैठकर समय बिताते हैं और पढ़ाई का कार्य गंभीरता से नहीं किया जाता।
ग्रामीणों का आरोप है कि इस तरह की लापरवाही से बच्चों की शिक्षा व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो रही है।
बेसिक शिक्षा अधिकारी का बयान
समाज तक मीडिया द्वारा जब इस संबंध में बेसिक शिक्षा अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने स्पष्ट किया कि —
“समय पर विद्यालय पहुंचना सभी शिक्षकों के लिए अनिवार्य है। देरी करने वाले शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा।”
हालांकि, सवाल यह भी उठता है कि केवल स्पष्टीकरण से क्या शिक्षा व्यवस्था में सुधार संभव है?
बच्चों की सुरक्षा सबसे बड़ी चिंता
इस मामले में सबसे गंभीर सवाल बच्चों की सुरक्षा का है।
जब गार्जियन समय से अपने बच्चों को विद्यालय भेज रहे हैं और परिसर में शिक्षक मौजूद नहीं हैं, तो अगर इस दौरान किसी बच्चे को चोट लगती है, आपसी झगड़ा होता है या कोई अन्य गंभीर घटना घट जाती है तो उसकी जिम्मेदारी कौन उठाएगा?
विद्यालयों में केवल शिक्षा ही नहीं, बच्चों की सुरक्षा भी उतनी ही महत्वपूर्ण है।
इस प्रकार की लापरवाही न केवल शैक्षिक गुणवत्ता को प्रभावित करती है बल्कि बच्चों के जीवन को भी खतरे में डालती है।
अब कार्रवाई जरूरी
यह देखना अब बेहद जरूरी हो गया है कि खंड शिक्षा अधिकारी और जिला प्रशासन इस गंभीर मामले पर कब तक संज्ञान लेते हैं और क्या कड़े कदम उठाते हैं, ताकि भविष्य में ऐसी लापरवाही दोहराई न जाए और बच्चों का भविष्य सुरक्षित रह सके।
✍️विजय प्रताप सिंह ( प्रबंध निदेशक )
