रिपोर्टिंग: कुलदीप सिंह
ओयल खीरी, 22 अप्रैल 2025 (मंगलवार) — जम्मू-कश्मीर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पहलगाम में मंगलवार को हुए भीषण आतंकी हमले में 27 पर्यटकों की निर्मम हत्या कर दी गई, जबकि 17 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। मृतकों में 1 मुस्लिम और 26 हिंदू नागरिक शामिल हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आतंकियों ने पीड़ितों की धार्मिक पहचान पूछकर उन्हें कलमा न पढ़ पाने की दशा में गोली मार दी, जिससे यह हमला बेहद निंदनीय और विभाजनकारी बन गया।
इस जघन्य हमले के बाद पूरे देश में गहरा आक्रोश फैल गया है। हर वर्ग के नागरिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सख्त कार्यवाही की मांग कर रहे हैं।
घटना की जानकारी मिलते ही ओयल कस्बे में जनाक्रोश का विस्फोट हुआ। सैकड़ों की संख्या में स्थानीय लोग, जिनमें बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं और युवा शामिल थे, सड़कों पर उतर आए। उन्होंने हाथों में तख्तियां, जलती मोमबत्तियाँ और अपनों के खोने का शोक लेकर एकजुटता दिखाई।
कैंडल मार्च की शुरुआत स्टेशन रोड चौराहा स्थित हनुमान मंदिर से हुई, जो बस स्टैंड होते हुए लखीमपुर-सीतापुर फोरलेन मार्ग पर स्थित हनुमान मंदिर तक पहुँचा। वहाँ सभी ने मृतकों की आत्मा की शांति हेतु एक मिनट का मौन रखा। इस दौरान ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’, ‘हिंदुस्तान जिंदाबाद’, ‘भारत माता की जय’, ‘आतंकवाद मुर्दाबाद’, ‘हमें न्याय चाहिए’, ‘देश के गद्दारों को फांसी दो’ जैसे गगनभेदी नारे लगाए गए।
इस विरोध प्रदर्शन में कई भाजपा पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी शामिल रहे—पूर्व सांसद एवं पार्टी प्रवक्ता अमरीश कुमार, भाजपा मंडल अध्यक्ष शर्मा प्रजापति, जिला कार्यसमिति सदस्य रामनरेश सिंह, भाजयुमो मंडल अध्यक्ष सत्यम सिंह, जितांशु सिंह और अनुभव सिंह प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
सुरक्षा के दृष्टिगत ओयल पुलिस पूरी तरह से सतर्क रही। आरक्षी रंजीत कुमार यादव, अंगद और प्रमेश कुमार ने मोर्चा संभालते हुए कैंडल मार्च को शांतिपूर्वक संपन्न कराया।
यह आतंकी हमला न केवल निर्दोष नागरिकों पर बल्कि पूरे भारतवर्ष की आत्मा पर हमला है। देश अब एक सुर में न्याय और बदले की मांग कर रहा है।
