आज रूबरू करवा रहा हूँ आप सभी की आजकल की रोजमर्रा की जिंदगी के बारे में ।लोगों की जिंदगी में फोन एक अभिन्न अंग बन गया है। हमारे दिन की शुरुआत फोन से होती है और अंत भी। हम अपने प्रियजनों को छोड़ सकते हैं, लेकिन फोन को अकेला नहीं छोड़ सकते। यह हमारी डिजिटल निर्भरता का संकेत है। फोन की लत ने हमारे सामाजिक जीवन को बदल दिया है। हम अपने दोस्तों और परिवार के साथ कम समय बिताते हैं और ज्यादातर समय फोन पर ही गुजारते हैं, सोशल मीडिया पर हम अपने जीवन के हर पल को साझा करते हैं, लेकिन वास्तविक जीवन में हम अकेले होते जा रहे हैं, फोन की लत के कारण हमारी मानसिक और शारीरिक सेहत पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। हमारी नींद खराब होती जा रही है, हमारी एकाग्रता कम होती जा रही है, और हमारे मानसिक तनाव में वृद्धि होती जा रही है, आजकल के लोगों को फोन की लत से मुक्ति पाने की जरूरत है। हमें अपने जीवन में संतुलन बनाने की जरूरत है। हमें अपने प्रियजनों के साथ समय बिताने की जरूरत है, अपने शौक को पुनर्जीवित करने की जरूरत है, और अपने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखने की जरूरत है, हमें फोन को अपने जीवन का हिस्सा बनाने की बजाय, अपने जीवन को फोन के हिस्से में नहीं बदलना चाहिए। हमें अपने जीवन को संतुलित बनाने के लिए फोन का उपयोग सीमित करने की जरूरत है।